
sahara india news 2023 : मुश्किलों में आए सहारा प्रबंधन लगातार एफआईआर के घेरे में बना हुआ है। आपको बता दें कि सहारा प्रबंधन (sahara india) के खिलाफ पिछले 3 साल से हर थाने में जाकर निवेशक अपनी एफआईआर दर्ज करा रहा है। इसमें मुख्य रूप से दोषी सहारा प्रबंधन मौजूद है। आपको बता दें कि परिपक्वता पूर्ण होने के बाद भी निवेशकों को उनका पैसा वापस नहीं मिल रहा है। जिसके कारण सहारा के खिलाफ लगातार एफआईआर दर्ज की जा रही है। अब सहारा के खिलाफ एक और नई एफआईआर उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दर्ज हुई है। जानकारी यह है कि भारी प्रदर्शन के बाद यह एफआईआर को सीतापुर की कोतवाली में दर्ज किया गया है।
सीतापुर जिले में दर्ज हुआ मामला
जानकारी के अनुसार सहारा प्रबंधन के खिलाफ और निवेशकों के साथ सीतापुर जिले में किसान यूनियन लगातार निवेशकों की आवाज को पटल पर रखते हुए थाना कोतवाली में सहारा प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर की मांग कर रहा था वही किसान यूनियन का प्रदर्शन करीबन 40 दिन से ज्यादा चला। जिसके बाद अब आखिरकार किसान यूनियन की मेहनत रंग लाई है। आपको बता दें कि किसान यूनियन के कारण ही सहारा प्रबंधन के खिलाफ सीतापुर जिले में यह मुकदमा दर्ज हो पाया है। इसमें मुख्य रूप से भूमिका निभाते हुए किसान यूनियन के दो बड़े लीडर पिंदर सिंह सिद्धू समेत नवल किशोर मिश्रा हर समय निवेशकों के साथ मौजूद रहे।
सहारा सेबी तो बहाना है : निवेशक
सीतापुर जिले के जब निवेशकों से न्यूज़ दुनिया की टीम ने बात की तो उन्होंने कहा कि सहारा सेबी केस तो सिर्फ एक बहाना है असल में निवेशकों को बरगलाना है। यह कहते हुए निवेशकों ने कहा कि हम लोगों ने सुब्रत रॉय सहारा को देखते हुए पैसा सहारा में जमा किया था परंतु सुब्रत रॉय सहारा ने हमारे साथ में धोखाधड़ी की है जिसके बाद अब हमारी थाना कोतवाली, सीतापुर में हमने सहारा के प्रबंधन के वरिष्ठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा कर अपने पैसे की मांग दर्ज कराई है।
सहारा के अधिकारियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज
सहारा प्रबंधन के खिलाफ जो एफआईआर सीतापुर की कोतवाली में दर्ज हुई उनमें मुख्य रूप से आरोपी के रूप में सुब्रत रॉय सहारा, पत्नी स्वप्ना रॉय, ओपी श्रीवास्तव, अनिल कुमार पांडे, राणा जिया, डीके श्रीवास्तव, रोमी दत्ता एवं प्रदीप श्रीवास्तव शुमार है वहीं इस एफआईआर का क्रमांक 0109 है जो कि थाना कोतवाली सीतापुर में दर्ज की गई है।
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