Sahara India Future Fund : एक कंपनी में पूरी निष्ठा के साथ काम कर पूरी जिंदगी निकाल देने के बाद अगर आपको आपका जमा फ्यूचर फंड (future fund) ना मिले तो कितना दुख होता है वह आप इस खबर से समझ सकते हैं। दरअसल यह खबर और किसी कंपनी नहीं बल्कि सहारा इंडिया (sahara india) को लेकर है जिस ने एजेंटों के कमीशन को तो दवा ही लिया है बल्कि अब उनके फ्यूचर फंड पर भी सहारा निरंतर चोरी कर रही है। अब फ्यूचर फंड मामले को लेकर भी एक बड़ी खबर आई है।
एक और सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा, कंपनी में करीब 12 लाख से अधिक एजेंटों की बात करते हैं। वह कहते है कि कंपनी हमेशा से ही एजेंटों के प्रति निष्ठाभार रही है परंतु एजेंटों को उनका पैसा ना लौटा कर, एजेंटों को उनका हक ना लौटा कर, सुब्रत रॉय सहारा ने कंपनी तो खड़ी कर ली परंतु कंपनी की इज्जत रखना वह शायद भूल गए। यही कारण है कि कंपनी एजेंटों का फ्यूचर फंड लेकर बैठी है और अब जब देने की बारी आ रही है तो कंपनी कह रही है की "हमारा कोई भी ना मोटीवेटर है, न एजेंट है और ना ही कोई कर्मचारी है" यानी कि सहारा झूठ की बुनियाद पर व्यवसाय कर रहा है जिसके कारण सहारा अब खुद की ही नजरों में गिर चुका है।
एजेंटो को फ्यूचर फण्ड के बारे में पता ही नहीं
सहारा में अक्सर यह देखा गया है कि सहारा के इन्वेस्टर और एजेंट दोनों को ही कंपनी की चोरी के बारे में काफी बाद में पता चलता है। अब इस मामले में भी सहारा के 12 लाख में से कुछ ही ऐसे कार्यकर्ता हैं जिनको अपने फ्यूचर फंड के बारे में पता है। बाकी कर्मयोगी एजेंटों को इस मामले में मालूम ही नहीं है कि आखिरी फ्यूचर फंड क्या है। अब ऐसा ही मामला कुछ लखनऊ से सामने आया है। जहां पर मध्यप्रदेश के कुछ जागरूक एजेंटों ने अपने फ्यूचर फंड को लेकर मांग की है। \
दमोह के फील्ड वर्कर्स की मांग
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश से सहारा इंडिया कंपनी से सताए पथरिया दमोह के एजेंटों ने अब लखनऊ स्थित भविष्य निधि संगठन को कुछ सबूत भेजें कि सहारा उनका फ्यूचर पढ़नी लौटा नहीं रही है। इस मामले में माननीय लखनऊ हाई कोर्ट में एक रिट पिटिशन Writ-C 3558/2022 लगाई गई जिसके माध्यम से सभी सहारा एजेंटो के फ्यूचर पॉइंट को लौटाने की मांग की जा रही है।
यह बोला कर्मचारी भविष्य निधी संगठन
यह खबर लखनऊ के ही सहारा इंडिया कंपनी से सताए फील्ड वर्करों द्वारा अपने भविष्य निधि प्राप्त करने के संबंध में है। वही इस शिकायत को लेकर फरवरी 2021 को भविष्य निधि संगठन ने जांच की थी। जिसके बाद सहारा इंडिया कंपनी से सताए करीब एजेंटों के 1181 करोड रुपए जमा कराने का आदेश दिया गया और भविष्य निधि संगठन ने भी यह माना है कि उक्त राशि ब्याज सहित करीब 3500 करोड़ रुपए की बनती है। अब देखना है कि माननीय हाईकोर्ट इस पर क्या निर्णय लेता है।
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