Sahara India Latest News : आगामी 2024 के लोकसभा के चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वहीं सहारा इंडिया के खिलाफ देश में चल रहे प्रदेश व्यापी आंदोलन भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वही सहारा इंडिया निवेशक लगातार मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपने पैसे की मांग कर रहा है। जहां निवेशकों ने बताया है कि सरकार ने सहारा इंडिया की क्रेडिट कोआपरेटिव को लाइसेंस तो दिया था परंतु अब जब लोगों के पैसा उन क्रेडिट सोसाइटी में फस गए हैं तो सरकार वापस दिलाने की बजाय सहारा के साथ चल रही है। ऐसे में मोदी सरकार के खिलाफ निवेशक गुस्सा के मूड में है।
सहारा समूह से प्रताड़ित हुए निवेशक मोदी सरकार से गुस्सा चल रहे हैं। इसी के साथ पीएसीएल निवेशक भी मोदी सरकार कार्यकाल से ज्यादा खुश दिखाई नहीं दिए है क्योंकि निवेशकों को उम्मीद थी कि मोदी सरकार उनका धन जल्द दिला देगी परंतु सेबी की धीमी कार्रवाई से पीएसीएल के निवेशक भी काफी परेशान है। जहां कई लोगों ने बताया है कि हमने हमारे डॉक्यूमेंट सेबी में जमा करा दिए हैं परंतु सेबी ने अभी तक हमारा भुगतान नहीं किया है।
चिटफंड मामले में सरकार का जागना बेहद जरुरी
देश में चिटफंड घोटालों के कारण प्राइवेट संस्थानों पर से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है वहीं देश की मोदी सरकार इस बात को यु ही नकार नहीं सकती है क्योंकि देश में एक तरफ प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है जहां पर लगतार हर सरकारी कम्पनीज भी प्राइवेट हो रही है वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट बैंक भीअपना कारोबार बढ़ाने के लिए काफी मेहनत कर रहे है, ऐसी में सहारा इंडिया एवं आदर्श क्रेडिट समेत पर्ल इन प्राइवेट बिज़नेस के लिए एक दीमक का काम कर रही है वही सरकार को जल्द इस मामले में संज्ञान लेना पड़ेगा वार्ना इन प्राइवेट संस्थानो पर लोगो का बिश्बास एक दिन ख़त्म हो जायेगा।
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करीब 96600 करोड़ रूपये का स्कैम
सहारा समूह द्वारा किये गए स्कैम ने भारत की आधी 'आवादी' को हिलाकर रख दिया। जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कुछ साल पूर्ब सहारा सेबी केस में सुनबाई करते हुए सहारा समूह के प्रमुख को सहारा सेबी खाते में 24000 करोड़ रूपये जमा करने का आदेश दिया था जिसके तुरंत बाद सहारा इंडिया ने तगड़ी प्लानिंग शुरू कर दी थी जिसके बाद सहारा समूह ने लोगो के पैसे का डायवर्सन शुरू कर दिया था (परिवर्तित)
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जानकारी है की रियल एस्टेट और हाउसिंग से लोगो के पैसे की पलटी कराते हुए सहारा समूह ने अपने सभी कर्मचारियों(agents) को आदेश दिया था की सभी निवेशकों की राशि परिवर्तित करते हुए क्रेडिट सोसाइटी में जमा करा दो और एजेंटो ने ऐसा करा दी जिसके बाद अब सहारा इंडिया का यह स्कैम 24000 करोड़ नहीं बल्कि '96600 करोड़' का बन गया है।
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