Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

सहारा इंडिया एजेंट है तो करीब से समझे इस बड्स एक्ट 2019 को, वरना नीलम हो सकती है आपकी प्रॉपर्टी : sahara india refund 2022

करंट न्यूज़ ऑफ़ सहारा इंडिया : भारतीय न्यायालय के अनुसार बड्स एक्ट 2019 में कई कड़क नियम बनाए गए हैं। कई कंपनी के एजेंटों को इस नियम के बारे में पता नहीं होता है। वही आज उन्ही फाइनेंसियल एजेंटों के लिए इस नियम को बताने के लिए न्यूज़ दुनिया के द्वारा इस पोस्ट को लिखा गया है। इस पोस्ट के द्वारा आपको बड्स एक्ट  2019 की सभी बड़ी से लेकर छोटी जानकारी प्रदान करने की कोशिश की गई है। वहीं इस पूरी खबर को आप अंत तक पढ़े एवं एक्ट के अंदर क्या कुछ मायने रखता है। वह भी आपको आज इस पोस्ट में बताने वाले हैं। तो इस पोस्ट को अपने अन्य साथियों तक पहुंचाना ना भूले। आइए शुरू से अंत तक जानते हैं कि क्या होता है बड्स एक्ट। 



क्या होता है एजेंट 

एजेंट की स्थिति को बड़े ही आसानी के तरीके से समझने का प्रयास ऊपर दी गई वीडियो के माध्यम से किया गया है। एजेंट का मकसद भली किसी कंपनी के माध्यम से दो रुपया कमाना हो सकता है पर अगर आपने भी एक चिटफंड संस्था के साथ काम किया है तो आप भी बुरी तरीके से फस सकते है वही अगर आपको भी क़ानूनी कार्यबाही से बचना है तो आपको अपने ऊपरी प्रबंधन को छोड़ना पड़ेगा। 

चिटफंड घोटालों के बाद बना नियम

बड्स एक्ट 2019 मैं साफ तरीके से दिखाया गया है कि जो लोग घोटाले एवं अन्य अपराध करते हैं उनके लिए यह कानून बहुत प्रभावी होने वाला है। इस कानून के अंतर्गत "जिस एजेंट ने निवेशकों से राशि उठाई थी उनको भी खतरा बना हुआ है" इस नियम के अनुसार अगर उस आम जमाकर्ता को उनका पैसा वापस नहीं मिलता है तो ऐसे में पैसा लेने वाले पर भी मुकदमा कायम किया जा सकता है एवं उसकी प्रॉपर्टी कुर्क की जा सकती है। इस नियम में यह साफ़ तरीके से पॉइंट लिखा गया है। 

एजेंटों की प्रॉपर्टी भी हो सकती है नीलम 

सबसे निचे सभी सबूत के माध्यम से आप बड्स एक्ट 2019 के सभी मायनों को अंत तक समझ सकते हैं।  

सहारा इंडिया एजेंट पर भी की जा सकती है कार्रवाई

सहारा इंडिया में कई लोगों ने अपनी राशि निवेश की थी निवेश की गई राशि का भुगतान ना मिलने पर सहारा इंडिया के एजेंट पर भी मुकदमा कायम हो सकता है। वहीं अगर आप भी एक सहारा एजेंट है और आपके भी निवेशकों का पैसा नहीं मिल रहा है। तो आप अपने निवेशकों के खातिर जल्द से जल्द सहारा इंडिया परिवार पर मुकदमा दर्ज कराएं। वरना आपका निवेशक आप पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए तैयार है क्योंकि बड्स एक्ट 2019 के तहत निवेशकों के हाथों में वह ताकत है। इसीलिए सहारा इंडिया परिवार को जितने भी साथी मदद दे रहे हैं। उन से विनम्र निवेदन है कि वह जल्द इस कानून को समझें और जल्द से जल्द सहारा पर मुकदमा कायम कराएं। 

सहारा इंडिया में फंसा है पैसा तो क्या करें

अगर आप का भी पैसा सहारा इंडिया परिवार में फंसा हुआ है और लगातार आवेदन देने के बावजूद भी आपका पैसा नहीं मिल रहा है तो आप अपने नजदीकी थाने में जाकर एक एफआईआर दर्ज कराएं। जिसमें सहारा इंडिया के प्रबंधन सहित सहारा इंडिया परिवार के मैनेजर एवं डायरेक्टर सहित सहारा प्रमुख पर एक f.i.r. को दर्ज कराएं। दर्ज हुई f.i.r. में सभी निवेशकों के नाम को जुडबाये एवं अपने और अपने निवेशकों के भुगतान के लिए अगर कोई भी समाधान नहीं मिलता है तो आप हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाये परंतु अगर आप निवेशकों का पैसा फसा कर बैठे हैं और कुछ भी काम नहीं कर रहे हैं तो यह आपके लिए खतरे की घंटी है क्योंकि बड्स एक्ट 2019 के तहत न्यायालय ने निवेशकों के हाथों में कमान सौंपी है। वहीं अगर आप अपनी प्रॉपर्टी की कुर्की नहीं करना चाहते हैं और आप एक एजेंट हैं तो आप जल्द से जल्द अपने ऊपरी प्रबंधन पर कार्रवाई करें वरना गिरफ्तारी की मार आप पर भी पड़ सकती है एवं आपके भी घर की कुर्की की जा सकती है। 

यह भी पढ़े : सहारा इंडिया के खिलाफ इस जगह पर बड़ी कार्रवाई मैनेजर पहुंचे हाईकोर्ट

क्या जिन्होंने f.i.r. करी है वह एजेंट बचेंगे

एक बात अभी तक तय है कि जो लोग सहारा इंडिया पर कार्रवाई कर देते हैं वह एजेंट अंतिम में बच सकते हैं क्योंकि दोषी सहारा इंडिया का प्रबंधन है। एजेंट ने  जितने भी निवेशक से पैसा उगाया था उसको सहारा में जमा किया था वही उस निवेशक की संपत्ति को एजेंट ने अपने घर पर नहीं रखा था परंतु अगर आप सहारा इंडिया पर कार्यवाही नहीं करते हैं तो एजेंट फसने के लिए तैयार रहे क्योकि सहारा पर कार्यबाही न करने पर सहारा एजेंट पर कार्यबाही की जाएगी। 

अगर पीडीऍफ़ पढ़ने में क्वालिटी गड़बड़ है तो आप यहाँ से इस पीडीऍफ़ को डाउनलोड कर पढ़े : https://drive.google.com/file/d/1GR9gDQijKvaS19IUQwdQIFOPlBoW1BPh/view?usp=sharing





No comments:

Lorem ipsum, or lipsum as it is sometimes known, is dummy text used in laying out print, graphic or web designs.