डेस्क रिपोर्ट, मुंबई : 1992 के दौरान हुए हर्षद मेहता स्कैम में कई लोग दोषी पाए गए थे। हर्षद मेहता स्कैम आज भी एक ऐसा स्कैम है जो लोगों के जुबान पर बना हुआ है। वहीं कई लोग ऐसे हैं जिनको हर्षद मेहता स्कैम के बारे में पता ही नहीं है। जानकारी के मुताबिक एक ब्रोकर से कैसे हर्षद मेहता ने इतनी बड़ी जायदाद अपने नाम की। इसका सीधा प्रमाण आप इसके 1992 वेब सीरीज देखकर लगा सकते हैं। 1992 एक पूरी स्टोरी है जिस पर हर्षद मेहता के पूरे स्केम की कहानी दिखाई गई है। हर्षद मेहता स्कैम में हर्षद मेहता ने कई लोगों को गरीब से अमीर बना दिया वही हर्षद मेहता के पास शेयर मार्केट की एक ऐसी जानकारी थी जो बाकी ब्रोकर या कंपनी के पास मौजूद नहीं थी तभी तो उन्होंने मार्केट को उस समय मेहता ने हवा में पहुंचा दिया था।
गुजरात में पैदा हुए हर्षद मेहता के पास में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की एक तगड़ी जानकारी मौजूद रहा करती थी। जिसके कारण उन्होंने अपनी कंपनी ग्रो मोर को एक अनोखे अंदाज पर पहुंचाया था। वही उनको कार कलेक्शन का भी काफी शोख था। वही उसी कार कलेक्शन के चक्कर में शुचिता दलाल जो कि टाइम्स ऑफ इंडिया की एक फाइनेंशियल जर्नलिस्ट्स थी। उनको हर्षद मेहता पर पहले से ही शक हो गया था की कुछ ना कुछ गड़बड़ है। जिसके बाद में लगातार सीबीआई, ईडी, न्यूरोडेक्स कंट्रोल ब्यूरो जैसी अनेक संस्थाएं हर्षद मेहता स्कैम निकालने में लग गई व.हीं कुछ सबूतों के आधार पर कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। जिसके बाद यह लोगों के सामने आया तो लोगों के पैरों के नीचे से मानो ज़मीन खिसक गई हो।
जानकारी यह है कि हर्षद मेहता को जब जेल ले जाया जा रहा था तभी उनकी जेल में हार्ट अटैक के कारण मृत्यु हो गई थी। हार्ट अटैक के बाद में सुचिता दलाल के पास भी है खबर पहुंच गई थी.वही हर्षद मेहता की फैमिली को भी पता चल गया था कि हर्षद मेहता अब बचे नहीं है। जिसके बाद में घर वालों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग की थी परंतु अब हर्षद मेहता की पत्नी ज्योति मेहता ने एक वेबसाइट क्रिएट की है। जहां पर उन्होंने बताया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी गई थी परंतु इतने साल गुजर जाने के बाद भी रिपोर्ट अब तक घर तक नहीं पहुंची है वही उनका मानना है कि इसमें पूरी पॉलिटिक्स थी जिसके कारण हर्षद मेहता की यह हालत हुई थी क्योंकि हर्षद मेहता पॉलीटिकल पार्टीज को भी फंड ट्रांसफर किया करते थे वही उन्नीस सौ के दौरान का एक बहुत बड़ा स्कैम इसको मानव भी गया था।
हर्षद मेहता से बड़ा मामला आज कल सहारा इंडिया परिवार का है। जहां पर सुब्रत रॉय सहारा ने गरीब लोगों का पैसा सहारा समूह में इन्वेस्ट करा रखा है। नेटफ्लिक्स ने एक बड़ी ही अनोखे अंदाज में सुब्रत रॉय सहारा की चोरी को बयां किया है। जिसका प्रोमो ही इतना ज्यादा घातक है कि आप पूरी वेब सीरीज देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि वेब सीरीज में क्या सच्चाई दिखाई गई होगी। सुब्रत रॉय सहारा पहले से ही एक चिट फंड संस्था चलाते थे। जो सिर्फ इस बेसिस पर काम करती थी कि अगर नए कस्टमर आप लेकर आओगे तो पुराने कस्टमर का भुगतान उस पैसे से किया जाएगा वहीं आज सुब्रत रॉय के पास में नए कस्टमर नहीं आ रहे हैं जिस कारण उन्होंने पुराने कस्टमर को ही लटका कर रखा है। भारत की बड़ी संस्थाएं केवल सोने का काम कर रही है। देश का सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कितने साल और कार्रवाई करेगा यह पता नहीं है। हमेशा मामला निकल कर आता है तो वह सिर्फ हाउसिंग, फाइनेंस तक सीमित रह जाता है। बल्कि असल बात तो यह है कि सुब्रत रॉय सहारा ने एक काफी तगड़ा पैसा अपने रिश्तेदारों के नाम क्रेडिट सोसाइटी के जरिए लगा दिया है यानी कि सुब्रत रॉय सहारा जब भी कोई नई स्कीम लेकर आते हैं तो उसके पहले ही यह प्लानिंग बना लेते हैं कि किस प्रकार वह कार्रवाई से बचेंगे यानी कि भारत में लगातार ऐसे स्कैम्स घोटाले में ही रहते हैं। अब देखना यह है कि सहारा का मामला कब भारत में सुलझेगा वही हर्षद मेहता स्कैम में तो सभी संस्थाएं आगे आ गई थी परंतु सुब्रत रॉय सहारा के मामले में कोई क्यों आगे नहीं आ रहा है। क्या गरीब ऐसे ही मरता रहेगा पूछता है भारत।
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