Sahara India Latest News 2022 Today : भारत की राजनीति में क्या चल रहा है. देश की सत्ताधारी भाजपा निवेशकों की आवाज को पटल पर रखने में खामोश दिखाई दी है। वही सहारा इंडिया क्रेडिट कोपरेटिव(sahara india credit cooperative) समेत क्यू शॉप(sahara q shop) में निवेशकों की भारी धनराशि फसी है। जो अब मिलने का नाम नहीं ले रही है। बड़े बड़े त्यौहार नजदीक आ रहे हैं परंतु निवेशकों के हाथ में त्यौहार मनाने तक के पैसे नहीं है। देश की जनता लुटी पिटी बैठी है और देश का चौकीदार सो रहा है। मामला सहारा इंडिया परिवार का है। जहां पर निवेशकों का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार निवेशकों के तकलीफ को समझने में नाकाम है जिस कारण से लोगों का पैसा सहारा इंडिया से नहीं मिल रहा है।
निवेशकों का आक्रोश
सहारा इंडिया के निवेशकों ने साफ़ तरीके से यह कह दिया है कि अगर भाजपा हमारी आवाज सुनने में नाकाम रहती है तो 2024 के आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा का विरोध करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी जी को फिर से सत्ता में लौटने के लिए रोकने का प्रयास करेंगे क्योंकि जो नेता हम गरीबों की नहीं सुन सकता है वह नेता प्रधानमंत्री सही नहीं है। वही भाजपा शाषित राज्यों में भी लगातार भाजपा के सत्ताधारी दल सहारा इंडिया के निवेशकों के आवाज सुनने में नाकाम है चाहे वह गड़ मध्यप्रदेश का हो या फिर उत्तर प्रदेश का।
सांसद संजय सिंह संसद में उठाएंगे मुद्दा
सांसद संजय सिंह ने मेरठ में सहारा इंडिया के निवेशकों की बात करते हुए कहा है कि सहारा इंडिया परिवार के निवेशकों से मिलने के लिए जंतर-मंतर पर भी मैं गया था। जहां से मैंने पाया कि सहारा इंडिया परिवार का निवेशक काफी दुखी है उसके पास उसका पैसा नहीं है। वही पूरा प्रयास करते हुए मैं इस मुद्दे को संसद सत्र में उठाने की कोशिश करूंगा वहीं सहारा इंडिया का निवेशक अपना प्रयास करने से ना छूटे।
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मध्य प्रदेश पुलिस एवं उत्तर प्रदेश पुलिस
मध्य प्रदेश की पुलिस वही उत्तर प्रदेश की पुलिस दोनों ही सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय से कहीं मिली हुई है। मध्यप्रदेश में बात करें तो करीब 200 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो चुकी है वहीं उत्तर प्रदेश में भी लगातार एफआईआरओ की संख्या बढ़ती जा रही है परंतु सहारा इंडिया के एक भी मैनेजर, डायरेक्टर की गिरफ्तारी ना होना। लोगों का पैसा ना मिलने का एक सबसे बड़ा कारण है। जो कहीं ना कहीं सरकार की फंडिंग सीधे सहारा से दिखाता है। इस मायाजाल में गरीब लगातार गरीब हो रहा है और अमीर को सभी सत्ताधारी दल सपोर्ट करने में लगी हुई है।
संसद में उठना चाहिए क्रेडिट कोऑपरेटिव का मुद्दा
बहुत हो गया सहारा सेबी मुद्दा। सहारा सेबी के जरिए सिर्फ और सिर्फ बरगलाने का कोशिश किया जाता है बल्कि असल में मामला सुब्रत रॉय सहारा के अपमानना मामले से संबंधित है। सुप्रीम कोर्ट हो या फिर दिल्ली हाई कोर्ट दोनों ही लगातार समय और समय दे रहे हैं। जिसके कारण सहारा इंडिया के निवेशक का विश्वास न्यायपालिका पर से भी उठता जा रहा है।
सहारा इंडिया क्रेडिट कोपरेटिव समेत क्यू शॉप में निवेशकों की भारी धनराशि फसी है और सहकारिता मंत्रालय सो रहा है। #HistoryOfIndianPolitics #Amitshah @MinOfCooperatn @AmitShah @rashtrapatibhvn pic.twitter.com/p0T2PmoAGT
— News Duniya PVT Ltd (@news_duniya_pvt) September 30, 2022
क्यों भारत की न्यायपालिका इतनी कमजोर है कि आज लोगों को न्याय मिलने में सालों साल लग जाते हैं। सहारा इंडिया के निवेशक के पास में इतना पैसा भी नहीं है कि वह सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर सके परंतु उस गरीब निवेशक ने अपना पैसा फसा कर हाई कोर्ट में याचिका की है तो हाईकोर्ट उनको न्याय दिलाने में पूरे सक्षम रहें। वही जल्द सुप्रीम कोर्ट सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय सहारा को पेश करने का आदेश दे जिसके बाद निवेशकों की बात रख भुगतान करने का आर्डर सुनाये।
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इतने केस पड़े पेंडिंग
भारत की हिस्ट्री के हिसाब से सन 2022 तक कुल 4.1 करोड़ केस भारत में पेंडिंग पड़े है। इतने शिक्षकों की भर्ती निकली जाती है तो कोर्ट क्यों नहीं बढ़ाये जाते क्या न्याय सिर्फ एक समय देना का बहाना है की लोगो को न्याय दिलाने का जरिया। यह भारत की न्यायपालिका को सोचना चाहिए। भारत की करीब 13 करोड़ से ज्यादा जनता सुब्रत रॉय के काले कारनामो के कारण पीड़ित है और न्यायपालिका मूर्कदर्शक की तरह देख रही है।
The truth in india is that people dies, but the ultimate legal cases doesn't over - Priyanshu Sharma, Financal Expert
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