Sahara India Latest News : सहारा इंडिया मामले को लेकर केंद्रीय बित मंत्री ने लोकसभा में सहारा इंडिया परिवार चिटफंड से जुड़ा मामला उठाया है वही सरकार से लिखित जबाब भी माँगा है।
डेस्क रिपोर्ट, लोकसभा : सहारा इंडिया निवेशकों से जुड़ा मामला लगातार सुर्खियों में रहने के बाद अब लोकसभा में उठा है। जानकारी के मुताबिक वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को यह मामला लोकसभा में उठाया। जहां पर सरकार से लिखित जवाब भी लिया गया है। जानकारी के मुताबिक सहारा इंडिया के बारे में संवाद करते हुए मंत्री ने बताया कि विभिन्न इकाइयों में सहारा इंडिया के 13 करोड़ निवेशकों के करीब 1.12 लाख करोड रुपए फंसे हुए हैं वहीं सरकार ने इस मुद्दे में जवाब भी दिया है।
सरकार हमेशा करती है केवल हाउसिंग की बात
सहारा समूह एक ऑफिस से अपनी अलग अलग स्कीम में निवेशकों का पैसा लिया करता था। वही सहारा सेबी केस के आने के चक्कर में उस निवेशक के साथ इतना गलत हुआ की सहारा ने अब उस निवेशक का बाकी स्कीम का पैसा देना भी कही बंद कर दिया है। सहारा सेबी मामले में अब कोई भी निवेशक अपना भुगतान मांगने इसलिए नहीं जा रहा है क्योकि ज्यादातर निवेशकों का भुगतान सहारा कर चुकी थी वही अब सहारा समूह चाहती है की सरकार सहारा का 24000 करोड़ रुपया बापस सहारा को लौटा दे जिससे वह निवेशकों का भुगतान कर सके।
सरकार अगर अंधी है तो कानून क्या कर रहा
भारत को एक डेवलपिंग कंट्री कहां जाता है यानी कि एक ऐसा देश जो विकास की ओर बढ़ रहा है परंतु देश जब आगे बढ़ता है तो देश का कानून भी तेज होता है। हम कानून पर सवाल नहीं कर रहे हैं। हम सवाल कानून की व्यवस्था पर कर रहे हैं। क्यों भारत का कानून इतना पीछे और इतना लेट है कि 12 - 12 साल निकल जाने के बाद भी लोगों को न्याय नहीं मिल पाता है। क्यों कानून अमीरों के हाथ में झूलता नजर आता है। सहारा सेबी का मामला साफ है अगर निवेशक नहीं आता है तो सुप्रीम कोर्ट को सहारा इंडिया के निवेशक के पक्ष में फैसला देते हुए सहारा को आर्डर देना चाहिए कि वह अन्य स्कीमों के निवेशकों का भुगतान जल्द से जल्द करें। क्योंकि उस निवेशक का कोई भी संबंध सहारा इंडिया की दो स्कीम हाउसिंग और फाइनेंस से नहीं है फिर क्यों सहारा उनको भुगतान नहीं दे रहा है।
सरकार सेबी को बनाती है निशाना
सरकार से आज से कई बार सहारा सेबी का मुद्दा लोकसभा में उठा है। जहां पर कई नेताओं ने कई बार अन्य स्कीमों के निवेशकों की भी बात लोकसभा में की है परंतु सरकार अपना शुरू का पॉइंट सेवी से शुरू करती है और आखिर का पॉइंट भी सेबी पर खत्म करती है। क्या बाकी कि निवेशक नहीं है या फिर सरकार निवेशकों को अनदेखा कर रही है ?.... जिनकी निवेशकों की वजह से आज जो केंद्र सरकार सत्ता में बैठी है। मोदी अपने आप को भारत के सर्वश्रेष्ठ नेता मानते हैं परंतु सहारा सेबी के मामले में आज तक कोई भी नेता आ गया हो वह इस मुद्दे को नहीं सुलझा पाया। निवेशक हमेशा बीच में ही पिस्ता दिखाई दिया है अब तो निवेशक की हालात भी कहीं कच्चा बादाम जैसी हो चुकी है।
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