Amit Shah On Cooperative Society |
डेस्क रिपोर्ट, नई दिल्ली : सहारा इंडिया में फसा निवेशकों का पैसा मिलने का नाम नहीं ले रहा है एक तरफ जहा सहारा समूह लगातार निवेशकों को सेबी से पैसा मांगने की कह रहा है वही सहारा इंडिया का एजेंट इस समय अपनी जिंदगी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। सहारा इंडिया को रोजगार का साधन मानते हुए उस एजेंट ने सहारा इंडिया को पहले तो जॉइन किया जिसके बाद घर घर जाकर निवेशकों का पैसा सहारा इंडिया में जमा कराया।
सरकारी लाइसेंस थी कंपनी
सहारा इंडिया परिवार एक सरकारी लाइसेंस प्राप्त कंपनी होने के नाते सहारा इंडिया के एजेंट ने अपने निवेशकों के पैसे को सहारा इंडिया की अलग अलग स्कीम में लगाया परन्तु सहारा इंडिया पर शुरू हुआ सहारा सेबी केस के चक्कर में आज उस आम एजेंट की पार्टी का भुगतान मानो सहारा ने कही बंद कर दिया है वही निवेशकों को अब सुप्रीम कोर्ट और सेबी का आईना दिखाया जा रहा है।
क्रेडिट सोसाइटी में फंसा निवेशकों का पैसा
सहारा इंडिया ने निवेशकों का पैसा सहारा इंडिया की क्रेडिट सोसाइटी में फंसा दिया है। जानकारी यह है कि सुब्रत रॉय सहारा उन सोसायटीओ के मालिक हुआ करते थे परंतु जब हाई कोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का नजरिया सुब्रत रॉय के तरफ पहुंचा तो सुब्रत रॉय सहारा ने अपने आपको सोसायटीओं से अलग कर लिया। सुब्रत रॉय ने एक हलफनामा देते हुए बताया कि वह सोसाइटी के आधीन नहीं आते हैं वहीं उनका सोसायटी से कोई लेना देना नहीं है परंतु सहारा निवेशकों का पैसा सबसे ज्यादा क्रेडिट सोसाइटी में फंसा है जिसकी सबसे ज्यादा शिकायतें सहकारिता मंत्रालय तक लगातार पहुंच रही है।
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दिया गया बयान
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कल अपनी मीटिंग में बताया कि सहकारिता मंत्रालय के जब रिकॉर्ड चेक करने के लिए वह जाते हैं तो कंप्यूटर में कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता है क्योंकि पिछले 150 सालों से यह नियम बनाए गए हैं कि कोई भी रिकॉर्ड मौजूद नहीं रहते हैं परंतु अब उन नियमों को बदलना होगा वही जल्द से जल्द सभी रिकॉर्ड कंप्यूटर में दाखिल किए जाएंगे।
सहकारिता में जो दूसरे नियम थे जो कई सालों से चले आ रहे हैं। उनको हम को बदलना होगा वरना जनता हम को बदलने में देरी नहीं करेगी वहीं जल्द से जल्द कंप्यूटर में सभी के रिपोर्ट अपलोड किए जाएंगे वही जल्द काम भी शुरू किया जाएगा : अमित शाह, सहकारिता मंत्रलाय
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