सुप्रीम कोर्ट ने लगाई को फटकार,कहा कैसे किसी PIL के बलबूते आप दे सकते है अरेस्ट वारंट के आर्डर सहारा सुप्रीम कोर्ट लेटेस्ट न्यूज़ : सहारा इंडिया से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट सहारा समूह को राहत मिली है। जानकारी के मुताबिक आज से कुछ समय पहले पटना हाई कोर्ट ने सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय सहारा को पटना हाई कोर्ट में पेश होने का आदेश सुनाया था जिसके बाद सहारा श्री सुब्रत रॉय सहारा पटना हाई कोर्ट के सामने पेश नहीं हो सके थे वही निवेशकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने उपस्थित नहीं होने पर सुब्रत रॉय के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर दिया था जिस पर सहारा समूह सुप्रीम कोर्ट क्लीन चिट लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था वही सहारा समूह स्टे का ऑर्डर लेकर आया था जिसके बाद अरेस्ट वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को फटकार लगाई है।
जानकारी के मुताबिक बिहार सरकार की तरफ से भी जवाब आना था जो कि दाखिल होने पर पीठ संतुष्ट नहीं हो पाई है वहीं जजों का यह भी मानना है कि जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट निवेशकों के पैसे लौटाने के मुद्दे पर अरेस्ट आर्डर ही नहीं दे सकता है वही पटना हाईकोर्ट ने ऐसा कैसे किया जो तत्वों के खिलाफ है जानकारी के अनुसार पटना हाईकोर्ट ऐसा अरेस्टो अरडर किसी भी जनहित याचिका की सुनवाई करते समय नहीं दे सकता है जिससे किसी को समस्या हो वहीं यह भी बताया गया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया समेत अन्य लोगों को पार्टी बनाया गया है वह इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को एक बड़ी राहत प्रदान की है जहां पर निवेशकों की याचिका पर पटना हाईकोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा है वहीं सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर सहारा समूह ने अपनी वित्तीय धोखाधड़ी और दर्शा दिए एक से तो निवेशकों के पैसे नहीं लौटा रहे हैं ऊपर से दादागिरी चला रहे हैं यह तो सहारा समूह की विचार इनता को व्यक्त करता है। बिहार एक गरीब राज्य है जहां पर गरीब ठेला चलाने वाले लोग सहारा समूह में अपना पैसा जमा करते थे वही सहारा समूह इस पैसे पर अपनी अय्याशी करता था। जिसके बाद जब समय भुगतान देने का आया तो सहारा समूह ने सेबी के तरफ निवेशकों को भड़का दिया निवेशक सेबी में क्यों जाएं जब उसने पैसा सहारा समूह की कंपनियों में लगाया है। यह सहारा समूह की जिम्मेदारी है कि वह जल्द इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और फिर से सहारा सेबी की जांच की जाए जिसके बाद निवेशकों को राहत प्रदान समेत ब्याज सहित भुगतान लौटाया जाए। |
0 Comments