न्यूज़ रिपोर्ट,दिल्ली : सहारा इंडिया से अपना भुगतान न मिलने पर सहारा इंडिया का निवेशक लगातार प्रताड़ित हो रहा है वही सरकार भी निवेशको का साथ नहीं दे रही है जिसके बाद आम निवेशक न्यायपालिका की ओर नजर गड़ाए बैठा है। जानकारी के मुताबिक सहारा इंडिया की सोसाइटी में सर्वाधिक लोगों की भुगतान की पेंडेंसी बनी हुई है जिस को मद्देनजर रखते हुए सेंट्रल रजिस्टार ने दिल्ली हाईकोर्ट की तरह रुच किया था जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश देते हुए कुछ निवेशकों को भुगतान भी दिलाया वहीं सहारा इंडिया से ज्यादातर लोगों ने सीआरसी मैं अपनी शिकायतें भेजी है इसके साथ ही सहारा इंडिया के खिलाफ चल रही दिल्ली हाईकोर्ट में शक्ति वाली प्रक्रिया पर निवेशक लगातार कार्रवाई करने में बना हुआ है।
सोसायटीओं में सर्वाधिक पेंडेंसी
सहारा इंडिया की सोसाइटी जैसे कि हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी सहारन यूनिवर्सल क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी समेत अन्य सोसायटीओं में सहारा इंडिया ने विवादित तरीके से पहले तो निवेशकों का पैसा लिया जिसके बाद ब्याज सहित पैसा लौटाने का वादा किया गया था वही सोसाइटी के बाइलॉज के मुताबिक अगर कोई निवेशक अपनी मेंबरशिप सरेंडर करने के लिए 3 महीने पहले अगर नोटिस दे देता है तो उसको ब्याज सहित भुगतान देने की जिम्मेदारी सोसायटी की बनती है परंतु सहारा इंडिया की सोसाइटी इन बाइलॉज के आधीन पाई गई जिसके बाद सेंट्रल रजिस्टार जिसने सहारा इंडिया की इन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी को चोरी करने का लाइसेंस दिया था उसने दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ रुख किया और अब सहारा इंडिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई करने के लिए पीआरसी में निवेशक अपना पक्ष रख रहा है।
सीआरसी में कंप्लेंट करने के बाद पीआईएल दाखिल करने की जरूरत नहीं
जब सहारा इंडिया और उसकी सोसायटी ओं के मुद्दे पर न्यूज़ दुनिया प्राइवेट लिमिटेड ने सीआरसी समेत दिल्ली हाईकोर्ट में बात की तो वहां से हमें जानकारी मिली कि अगर आप सहारा इंडिया से प्रताड़ित निवेशक है और आप का भी भुगतान सहारा इंडिया की सोसाइटी में फंसा हुआ है तो आप सेंट्रल रजिस्टार समेत दिल्ली हाईकोर्ट तक अपनी शिकायत भेज सकते हैं वही जो निवेशक सीआरसी और दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी कंप्लेंट भेज रहा है उसको अलग से कोई भी पीआईएल दाखिल करने की जरूरत नहीं है वही सारा इंडिया के ऊपर जो भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी वह जल्द से जल्द होगी ऐसा दिल्ली हाईकोर्ट और सीआरसी की तरफ से बताया गया है।
देश में भला करने के लिए आने वाली सोसाइटी घोटाला करके चली जाती हैं
अगर कोई स्टूडेंट(कॉमर्स) बिजनेस लॉज़ ऑफ बिजनेस स्टडीज पड़ता है तो उसने बताया जाता है कि कोऑपरेटिव सोसायटीओं का निर्माण लोगों को मदद प्रेरित करने के लिए किया जाता है वहीं ज्यादातर सोसाइटी लोगों की मदद के लिए खोली जाती है जिसका लाइसेंस सेंट्रल रजिस्ट्रार द्वारा दिया जाता है परंतु आज से कुछ समय पहले से ही यह लगातार देखा जा रहा है कि इन क्रेडिट सोसाइटीओ के माध्यम से प्राइवेट कंपनी सबसे पहले तो बाजार में उतरती है जिसके बाद लोगों से पैसा लेकर उनको झूठा आश्वासन देकर उनको ठग के चली जाती हैं वही क्रेडिट सोसाइटी एक चोरी करने का तरीका बन चुकी है जो कि अवैध रूप से चलती है वही सरकार इन पर जल्द एक प्रतिबंध लगाकर सभी क्रेडिट सोसाइटी को लाइसेंस मिलना कैंसिल कर दें जिससे देश में आइए विपरीत स्थिति सुधर सके।
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